UP News: रील देखने के बजाय कारोबारी बनने की ‘लत’ लगाएगा एप, स्वरोजगार… उद्यमिता का मिलेगा भरपूर कटेंट

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रील की लत में पड़े युवाओं को सोशल मीडिया और मोबाइल फोन के जरिये उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सीखो एप और यूथ अड्डा के बीच समझौता किया गया है। विश्वकर्मा जयंती पर इस आनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म की शुरुआत की जाएगी। इसके जरिये युवाओं को स्वरोजगार व उद्यमिता से जुड़े 1.40 लाख से ज्यादा एजुकेशनल कंटेंट 50 से भी ज्यादा श्रेणी में रोचक अंदाज में उपलब्ध कराए जाएंगे।

Seekho App and Youth Adda sign MoU to promote entrepreneurship among youth through social media, mobile phones
मोबाइल एप (सांकेतिक तस्वीर) – फोटो : एएनआई

राजधानी लखनऊ के गोमती नगर स्थित किसान बाजार परिसर में संचालित यूथ अड्डा और ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म सीखो एप के बीच बुधवार को साझेदारी की शुरुआत होगी। इस संबध में यूपीकॉन के प्रबंध निदेशक प्रवीण सिंह ने बताया कि स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल शिक्षा आज की जरूरत है।

सीखो एप और यूथ अड्डा के इस संयुक्त प्लेटफॉर्म से युवाओं को 1.40 लाख से अधिक एजुकेशनल कंटेंट तक पहुंच मिलेगी। यह सामग्री 50 से भी ज्यादा कैटेगरी में उपलब्ध होगी, जिनमें बिजनेस डेवलपमेंट, डिजिटल मार्केटिंग, पर्सनालिटी डेवलपमेंट, स्टार्टअप मैनेजमेंट और स्किल ट्रेनिंग जैसे विषय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसमें यूपीकॉन की निदेशक आईटी डॉ. ज्योतिश्री पांडे की अहम भूमिका है।

युवा रील के बजाय रियल लाइफ में कुछ करने के लिए प्रेरित हों

उन्होंने कहा कि डिजिटल दौर में मोबाइल से युवाओं को दूर नहीं किया जा सकता। रील देखने का नशा कम करने के लिए ये पहल की गई है। ताकि युवा रील के बजाय रियल लाइफ में कुछ करने के लिए प्रेरित हो सकें। जब मोबाइल फोन में रोजाना चार से छह घंटे खर्च हो रहे हैं तो इसके जरिये उद्यमिता के रास्ते बताने के साथ उस पर चलकर सफलता पाने का नुस्खा भी इस साझेदारी से युवाओं को मिलेगा। सीएम युवा विकास अभियान और यूथ अड्डा से उद्यमी बनने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए ये सेवा बिल्कुल मुफ्त है।

80 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया

मुख्यमंत्री युवा उद्यमिता विकास अभियान और स्टार्टअप नीति 2020 के तहत प्रदेशभर में इनक्यूबेशन सेंटर, को-वर्किंग स्पेस और सीड फंडिंग की व्यवस्था की गई है। अब तक 7,500 से ज्यादा स्टार्टअप पंजीकृत हो चुके हैं। कौशल विकास मिशन के अंतर्गत अब तक 80 लाख से अधिक युवाओं को विभिन्न रोजगारपरक कोर्सों से प्रशिक्षित किया गया है।

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