गंगोत्री धाम के पास खीर गंगा नदी में बादल फटने से आई आपदा के बाद सचेत ऐप पहाड़ों में यात्रा करने वालों के लिए महत्वपूर्ण है। यह भारत सरकार द्वारा बनाया गया है और रियल टाइम अलर्ट भाषाओं का सपोर्ट और GPS आधारित जानकारी देता है। यह ऐप सुरक्षित रास्तों और राहत शिविरों के बारे में भी बताता है जिससे अफवाहों से बचा जा सकता है।

मंगलवार दोपहर अचानक आई प्राकृतिक आपदा से गंगोत्री धाम का प्रमुख पड़ाव धराली हिल गया, जब खीर गंगा नदी में बादल फटने के बाद आए सैलाब ने पूरे इलाके को मलबे में बदल दिया। बताया जा रहा है कि इस घटना में 15 से 20 होटल व घरों को नुकसान पहुंचा है, जबकि चार लोगों की मौत की खबर है।
इस आपदा के तुरंत बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीम्स राहत और बचाव कार्य में लग गईं। इस बीच अगर आप भी इन दिनों कहीं पहाड़ों में घूमने जाने का प्लान कर रहे हैं तो इस भीषण आपदा में ‘सचेत ऐप’ आपके लिए एक संजीवनी की तरह साबित हो सकता है। चलिए जानते हैं कि सचेत ऐप कैसे जीवनरक्षक बन सकता है?
सचेत ऐप कैसे बना जीवनरक्षक?
दरअसल, यह सचेत ऐप भारत सरकार द्वारा डिजास्टर मैनेजमेंट के तहत तैयार किया गया है। कई बार यह ऐप समय रहते आपदा की जानकारी देने में कारगर साबित भी हुआ है। ऐसे में अगर आप भी कहीं पहाड़ों में घूमने जाने का प्लान कर रहे हैं या अभी कहीं पहाड़ी इलाके में मौजूद हैं तो इस ऐप को जरूर इनस्टॉल कर लें।
सचेत ऐप की क्या हैं खूबियां?
रीयल टाइम अलर्ट: यह आपको रियल टाइम में बारिश, बाढ़, भूकंप जैसी आपदाओं पर तुरंत नोटिफिकेशन देता है।
कई भाषाओं का सपोर्ट: इस ऐप में न सिर्फ आपको हिंदी भाषा का सपोर्ट मिलता है बल्कि यह अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी अलर्ट भेजता है।
GPS बेस्ड अलर्ट: इतना ही नहीं यह ऐप जिस इलाके में आप मौजूद हैं, वहां की भी बड़ी चेतावनी सबसे पहले आपको देगा।
सेफ लोकेशन का सजेशन: यह ऐप आपको आपके पास में मौजूद राहत शिविर और सुरक्षित रास्तों के बारे में भी बताएगा।
‘सचेत ऐप’ पर मिलेगी सही जानकारी
जहां एक तरफ सोशल मीडिया पर सैलाब के वीडियो तेजी से वायरल हुए हैं, तो इसी बीच ‘सचेत ऐप’ पर मिली सही जानकारी आपको अफवाहों से भी बचा सकती है। प्रशासन ने भी लोगों से कहा है कि सोशल मीडिया की बजाय सरकारी ऐप और चैनल्स से जानकारी लें। साथ ही फर्जी वीडियोस को भी शेयर न करें।