टीम इंडिया की पारी बिखरी, 300 पार नहीं पहुंच सकी — ओपनिंग ने दिलाया भरोसा लेकिन मिडिल ऑर्डर ने तोड़ा दम

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महिला वर्ल्ड कप फाइनल में टीम इंडिया ने शानदार शुरुआत की, लेकिन मध्यक्रम की नाकामी ने बड़ा स्कोर खड़ा करने का सपना अधूरा छोड़ दिया। शुरुआत में भारतीय बल्लेबाजों ने आक्रामक रुख अपनाया, पर मिडिल ऑर्डर पूरी तरह लड़खड़ा गया और टीम निर्धारित 50 ओवरों में 295 रन पर सिमट गई

💥 शानदार ओपनिंग, मजबूत शुरुआत

स्मृति मंधाना और शैफाली वर्मा ने तेज़तर्रार बल्लेबाज़ी से पारी को बेहतरीन आधार दिया। दोनों ने शुरुआती ओवरों में बाउंड्री की झड़ी लगाकर रनगति को ऊंचा रखा। 10 ओवर के भीतर ही भारत ने 60 से ज्यादा रन बना लिए थे और ऐसा लगा कि टीम 320 रन से ऊपर का स्कोर बनाएगी।

⚡ मिडिल ऑर्डर की नाकामी से बिगड़ी स्थिति

लेकिन पारी के मध्य में भारतीय बल्लेबाजों की लय टूट गई। कप्तान हरमनप्रीत कौर सहित दीप्ति शर्मा और रिचा घोष जैसी मुख्य बल्लेबाज टिक नहीं पाईं। विकेटों का गिरना शुरू हुआ और रनगति थम गई।
नतीजतन टीम बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रही।

🔍 कहां हुई गलती

मिडिल ओवर्स में भारतीय बल्लेबाज विपक्षी गेंदबाजों की स्पिन रणनीति को भांप नहीं पाईं। बार-बार शॉट चयन में गलती और साझेदारी न बन पाने से स्कोर धीमा पड़ गया।
टीम के कोचिंग स्टाफ के मुताबिक, “अगर एक बल्लेबाज आखिर तक सेट होकर खेलता, तो स्कोर 300 से पार जाता।”

🏏 दक्षिण अफ्रीका की सटीक रणनीति

विपक्षी टीम की कप्तान ने फील्डिंग में सटीक बदलाव करते हुए भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाया। पार्ट-टाइम बॉलर्स को सही वक्त पर लाकर उन्होंने रन रोकने का काम किया। आखिरी ओवरों में भारतीय टीम बड़े शॉट नहीं खेल पाई और केवल 30 रन ही जोड़ सकी।

🔚 आगे की चुनौती

फाइनल में मिली यह हार भारतीय महिला टीम के लिए चेतावनी है। आने वाले टूर्नामेंट्स से पहले मिडिल ऑर्डर की कमजोरी को दूर करना टीम प्रबंधन की प्राथमिकता होगी ताकि बड़ी साझेदारियां बन सकें और जीत की लय कायम रहे।

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