हिमाचल की 10 वर्षीय बच्ची ने चाइल्ड हेल्पलाइन पर किया कॉल — बोली, ‘मैं अपने मां-बाप के साथ नहीं रहूंगी!’

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बिलासपुर से सामने आया चौंकाने वाला मामला, बाल कल्याण समिति कर रही है जांच

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 10 साल की एक बच्ची ने खुद चाइल्ड हेल्पलाइन पर कॉल कर अपने माता-पिता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बच्ची ने फोन पर कहा कि वह अब अपने मां-बाप के साथ नहीं रहना चाहती क्योंकि वे उसके साथ अत्याचार करते हैं। इस कॉल के बाद बाल कल्याण समिति (CWC) और पुलिस हरकत में आ गई है।


🔹 कॉल से हड़कंप, प्रशासन तुरंत हुआ सक्रिय

सूत्रों के मुताबिक, यह कॉल चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर दोपहर के समय आया। बच्ची ने हेल्पलाइन अधिकारी को बताया कि उसके मां-बाप उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते हैं, डांटते हैं और पढ़ाई नहीं करने देते। उसने यह भी कहा कि वह घर से भागना चाहती है और किसी सुरक्षित जगह पर रहना चाहती है।
कॉल मिलने के बाद चाइल्डलाइन टीम और महिला एवं बाल विकास विभाग ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और बच्ची को सुरक्षित कस्टडी में ले लिया गया।


🔹 बच्ची ने सुनाई अपनी आपबीती

बिलासपुर की निवासी इस बच्ची ने पूछताछ में बताया कि उसके माता-पिता अक्सर छोटी-छोटी बातों पर मारपीट और डांट-फटकार करते हैं। उसने कहा —

“मैं अब उनके पास नहीं जाऊंगी। मैं किसी ऐसे घर में रहना चाहती हूं, जहां कोई मुझे नहीं मारे।”

उसके बयान को बाल कल्याण समिति ने रिकॉर्ड किया है और अब मामले की सोशल वेरिफिकेशन और मनोवैज्ञानिक जांच की जा रही है।


🔹 बाल कल्याण समिति और पुलिस की संयुक्त जांच

बाल कल्याण समिति (CWC) की अध्यक्ष ने बताया कि बच्ची के आरोपों को गंभीरता से लिया गया है। फिलहाल उसे एक बाल आश्रय गृह (Child Care Institution) में भेज दिया गया है, जहां उसकी काउंसलिंग की जा रही है।

“बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। यदि आरोपों में सच्चाई पाई गई, तो माता-पिता पर चाइल्ड अब्यूज़ (बाल उत्पीड़न) के तहत केस दर्ज किया जाएगा,”
अधिकारी ने कहा।


🔹 माता-पिता ने लगाए उल्टे आरोप

दूसरी ओर, बच्ची के माता-पिता ने कहा है कि वे निर्दोष हैं और उनकी बेटी को कुछ लोगों ने भड़काया है। उनका कहना है कि वे अपनी बच्ची की पढ़ाई और परवरिश के लिए पूरी कोशिश करते हैं, लेकिन बच्ची शरारती और जिद्दी स्वभाव की है। पुलिस ने फिलहाल दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर लिए हैं।


🔹 मनोवैज्ञानिकों की राय

मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामलों में बच्चों की भावनात्मक स्थिति को समझना बेहद जरूरी है। कई बार माता-पिता की अनुशासनात्मक सजा को बच्चा हिंसा के रूप में महसूस करता है, जिससे वह घर से दूर जाने की इच्छा जताता है।


🔹 फिलहाल सुरक्षित है बच्ची

अधिकारियों ने बताया कि बच्ची इस वक्त पूरी तरह सुरक्षित है और उसकी नियमित काउंसलिंग की जा रही है। पुलिस और CWC अगले कुछ दिनों में रिपोर्ट तैयार कर अदालत में पेश करेगी।


🔹 निष्कर्ष

यह मामला न केवल बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आज के समय में बच्चे अपनी आवाज उठाने में सक्षम हो रहे हैं। प्रशासन ने बच्ची की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कहा है कि जांच पूरी होने तक बच्ची को घर नहीं भेजा जाएगा।

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