Alert: रिकॉर्ड तोड़ डेंगू के मामलों से कांप रहा पड़ोसी देश, भारत में भी खतरे की घंटी; जान लीजिए बचाव के उपाय

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  • स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश में डेंगू की स्थिति खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है, स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि इस साल यहां 49 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
  • भारत में भी हर साल डेंगू के मामले बरसात और उसके बाद के महीनों में तेजी से बढ़ते हैं। इसके खतरे को लेकर अलर्ट किया जाता रहा है।

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मच्छरों से होने वाली बीमारियों का प्रकोप – फोटो : Freepik.com

Dengue Alert: सितंबर-अक्तूबर यानी मानसून के बाद का ये समय, मौसम के लिहाज से काफी राहत वाला होता है। हालांकि यही मौसम मच्छर जनित बीमारियों का भी समय होता है। बरसात के बाद जगह-जगह जमा पानी मच्छरों की नर्सरी बन जाता है। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे मच्छर जनित रोग हर साल इस मौसम में दस्तक देते हैं और लोगों की सेहत को गहरी चोट पहुंचाते हैं। अस्पतालों में बढ़ती भीड़ और बुखार से तपते मरीजों की संख्या इसका सबूत है। भारत में हर साल सितंबर-अक्तूबर में डेंगू-मलेरिया का खतरा देखा जाता रहा है।


हालिया रिपोर्ट पड़ोसी देश बांग्लादेश को लेकर है, जहां मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियों का व्यापक प्रकोप देखा जा रहा है। खबरों के मुताबिक बांग्लादेश में डेंगू के मामलों में तेजी से उछाल देखने को मिल रहा है। कई स्थानों से चिकनगुनिया को लेकर भी डराने वाली रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं।

बांग्लादेश में इन बीमारियों के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ भारतीय लोगों को भी सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं।

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डेंगू और इसका बढ़ता खतरा – फोटो : Freepik.com

बांग्लादेश में डेंगू की स्थिति खतरनाक स्तर पर पहुंची

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश में डेंगू की स्थिति खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है, स्वास्थ्य अधिकारियों ने बीते दिनों यहां एक ही दिन में ही करीब 12 मौतों की पुष्टि की है, जो इस सीजन में अब तक की सबसे अधिक संख्या है। जनवरी से देशभर में डेंगू से मरने वालों की संख्या बढ़कर 180 से अधिक हो गई है।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने पिछले 24 घंटे के दौरान 700 नए रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की सूचना दी, जिससे इस वर्ष कुल पुष्ट मामलों की संख्या 49 हजार के करीब हो गई। अधिकारियों ने इलाज में देरी को डेंगू के कारण बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

जुलाई-अगस्त के महीनों में बांग्लादेश में चिकनगुनिया का भी प्रकोप देखा गया है।

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डेंगू बुखार के मामले – फोटो : Adobe Stock

भारत में भी अलर्ट रहने की जरूरत

भारत में हर साल डेंगू के मामले बरसात और उसके बाद के महीनों में तेजी से बढ़ते हैं। इसका एक बड़ा कारण है लोगों की लापरवाही, विशेषतौर पर खुले में जमा पानी मच्छरों के प्रजनन के सबसे अनुकूल माना जाता है। जिन स्थानों पर जलजमाव अधिक होता है वहां मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियों का खतरा भी अधिक हो सकता है।

यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को डेंगू से बचाव वाले तरीकों का पालन करने की सलाह देते हैं।

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डेंगू-मलेरिया का खतरा – फोटो : Freepik.com

दिल्ली में डेंगू के साथ मलेरिया का भी बढ़ता खतरा

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष अब तक दिल्ली में डेंगू-मलेरिया दोनों का खतरा अधिक देखा जा रहा है। मलेरिया के मामले साल 2024 में इसी अवधि की तुलना में अधिक दर्ज किए गए हैं। 20 सितंबर तक शहर भर में कुल 333 मामले दर्ज किए गए, पिछले वर्ष इसी अवधि में 309 मामले सामने आए थे।

नगर निगम ने डेंगू के मामलों में भी लगातार वृद्धि दर्ज की है, दिल्ली भर में 685 मामले सामने आए हैं। हालांकि, एमसीडी के आंकड़ों के अनुसार, यह संख्या पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कम है। इनमें से 52 मामले एमसीडी जोन से, 12 दिल्ली छावनी से और रेलवे तथा एनडीएमसी से एक-एक मामले सामने आए।

दिल्ली के साथ एनसीआर के क्षेत्रों में भी डेंगू-मलेरिया के मामलों में वृद्धि रिपोर्ट की जा रही है।

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मलेरिया-डेंगू के मच्छरों से करें बचाव – फोटो : Freepik.com

मच्छर जनित रोगों से करें बचाव

अमर उजाला से बातचीत में पश्चिमी दिल्ली स्थित एक अस्पताल में इंटेंसिव केयर यूनिट के डॉक्टर सौरभ जोशी बताते हैं, रोजाना ओपीडी में आ रहे मरीजों में मच्छर जनित रोगों के मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। जिन रोगियों को कुछ दिनों से बुखार, शरीर दर्द के साथ त्वचा पर लाल चकत्ते दिख रहे हैं उन्हें एहतियातन खून की जांच कराने की सलाह दी जा रही है।

आप कुछ बातों का ध्यान रखकर इन बीमारियों से बच सकते हैं।

  • इसके लिए घर के आसपास (कूलर, बर्तन, गमले) पानी इकट्ठा न होने दें।
  • मच्छरों से बचाव के लिए  पूरी बांह के कपड़े पहनें, मच्छरदानी और रिपेलेंट का प्रयोग करें।
  • सुबह-शाम घर के कोनों में कीटनाशक छिड़कें। इसके अलावा बुखार आने पर या फिर सामान्य दवाओं से आराम न मिले तो  तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

 

 

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: India Views की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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