हम सभी ने महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बारे में खूब सुना और जाना है। लेकिन क्या आपने कभी पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के बारे में सुना है? अधिकतर लोगों का जवाब नहीं होगा! इसलिए आइए इस लेख में ब्रेस्ट कैंसर के जागरूकता माह में पुरुषों के ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जानते हैं।

Breast Cancer in Men: अक्तूबर का महीना ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। जब भी ब्रेस्ट कैंसर की बात होती है, तो आमतौर पर इसे सिर्फ महिलाओं से जुड़ी बीमारी माना जाता है। समाज में यह धारणा इतनी गहरी है कि पुरुष अक्सर सोचते हैं कि यह बीमारी उन्हें हो ही नहीं सकती। लेकिन यह एक खतरनाक मिथक है। सच तो यह है कि पुरुषों में भी स्तन ऊतक होते हैं और वे भी ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो सकते हैं।
हालांकि पुरुषों में यह बीमारी महिलाओं की तुलना में बहुत कम होता है। आंकड़ों की मानें तो सभी ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में से 1% से भी कम पुरुषों में देखने को मिलता है। लेकिन जागरूकता की कमी के कारण अक्सर इसका पता बहुत देर से चलता है जिससे इलाज मुश्किल हो जाता है। इसलिए आइए इस लेख में पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के बारे में विस्तार से जानते हैं।

पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण महिलाओं के ब्रेस्ट कैंसर के जैसे ही होते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में वे इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। सबसे आम लक्षण स्तन में या बगल के नीचे एक दर्द रहित गांठ या मोटा होना है। इसके अलावा कुछ और लक्षणों पर भी ध्यान देना चाहिए-
- निप्पल का अंदर की ओर धंसना, लाल होना, या उस पर पपड़ी जमना।
- निप्पल से तरल पदार्थ, विशेषकर खून का निकलना।
- स्तन की त्वचा का डिंपल पड़ना, सिकुड़ना या नारंगी के छिलके जैसा दिखना।

किन पुरुषों को है अधिक खतरा?
कुछ कारक पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इनमें सबसे प्रमुख उम्र का बढ़ना, यह आमतौर पर 60 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में पाया जाता है। परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास, विशेष रूप से यदि किसी करीबी पुरुष या महिला रिश्तेदार को यह बीमारी हुई हो, तो खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा BRCA2 जैसे आनुवंशिक जीन म्यूटेशन, मोटापा, और लिवर की बीमारी जैसी स्थितियां जो शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के लेवल को बढ़ाती हैं, भी इसके जोखिम को बढ़ाती हैं।

क्यों जरूरी है शुरुआती पहचान?
जागरूकता की कमी और सामाजिक शर्मिंदगी के कारण, पुरुष अक्सर अपनी छाती में गांठ या किसी अन्य बदलाव को महीनों तक नजरअंदाज करते रहते हैं। वे इसे कोई मामूली इंफेक्शन या चोट मानकर डॉक्टर के पास जाने में देरी करते हैं। यह देरी खतरनाक साबित हो सकती है, क्योंकि इससे कैंसर को पास के लिम्फ नोड्स और अन्य अंगों में फैलने का समय मिल जाता है, जिससे इलाज की सफलता दर कम हो जाती है।

इतना के बाद ये स्पष्ट है कि ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं की बीमारी नहीं है। इसलिए पुरुषों को भी अपने शरीर में होने वाले बदलावों के प्रति सतर्क रहना चाहिए। यदि आपको अपनी छाती, निप्पल या बगल के क्षेत्र में कोई भी असामान्य गांठ, सूजन या बदलाव महसूस हो, तो बिना किसी शर्म या झिझक के तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। याद रखें किसी भी कैंसर की तरह, ब्रेस्ट कैंसर का भी अगर शुरुआती चरण में पता चल जाए, तो इसका सफल इलाज पूरी तरह से संभव है।
Male breast cancer
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: India Views की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।