Crisil: ‘भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कटौती का विकल्प खुला रखा’, क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में दाव

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क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में आरबीआई के भविष्य के फैसलों को लेकर अनुमान जताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में मुद्रास्फीति अब चिंता का विषय नहीं रही और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती शुरू होने से आरबीआई के लिए दरों में कमी करने की संभावना बनी है।

RBI keeps interest rate cut option open, claims Crisil Intelligence report
                          भारतीय रिजर्व बैंक – फोटो : एएनआई (फाइल)

भारतीय रिजर्व बैंक ने भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की संभावना खुली रखी है। क्रिसिल इंटेलिजेंस की हालिया रिपोर्ट के अनुसार मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने महंगाई के अपने पूर्वानुमान को भी घटा दिया है। बता दें कि केंद्रीय बैंक ने टैरिफ अनिश्चितताओं का हवाला देते हुए 1 अक्तबूर को अपनी नीतिगत ब्याज दरों को लगातार दूसरी बार 5.5 प्रतिशत पर अपवरिवर्तित रखने का फैसला किया।

अमेरिकी टैरिफ से दूसरी छमाही में जीडीपी वृद्धि में गिरावट का जोखिम बरकरार

रिपोर्ट में कहा गया है कि एमपीसी ने स्वीकार किया कि अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव के कारण चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में जीडीपी वृद्धि में गिरावट का जोखिम रहेगा। हालांकि, क्रिसिल ने कहा कि जीएसटी सुधारों से समग्र प्रभाव आंशिक रूप से कम हो जाएगा।

फेड के फैसलों ने आरबीआई के लिए रास्ता खोला

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ श्रम-प्रधान क्षेत्र अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील हैं और उन्हें नीतिगत समर्थन की जरूरत है। इस वित्तीय वर्ष में मुद्रास्फीति अब चिंता का विषय नहीं रही और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती शुरू होने से आरबीआई के लिए दरों में कमी करने की संभावना बनी है।

इस साल आरबीआई कर चुका है 100 आधार अंकों की कटौती

फरवरी 2025 से, आरबीआई नीतिगत दरों में 100 आधार अंकों की कटौती कर चुका है। जून में अपनी पिछली नीति समीक्षा में, उसने रेपो दर को 50 आधार अंकों की कटौती करके 5.5 प्रतिशत कर दिया था। सरकार ने केंद्रीय बैंक को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे।

एमपीसी की सिफारिश के आधार पर, आरबीआई ने खुदरा मुद्रास्फीति में कमी के बीच फरवरी और अप्रैल में रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की व जून में 50 आधार अंकों की कटौती की।इस साल फरवरी से खुदरा मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत से नीचे चल रही है। खाद्य कीमतों में कमी और अनुकूल आधार प्रभाव के कारण अगस्त में यह छह साल के निचले स्तर 2.07 प्रतिशत पर आ गई।

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