
स्वस्थ जीवन के लिए शरीर को संतुलित पोषण की आवश्यकता होती है, जिसमें प्रोटीन की भूमिका सबसे अहम मानी जाती है। यह न केवल मसल्स के विकास और रिपेयर में मदद करता है, बल्कि हार्मोन, एंजाइम और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाए रखता है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर रोज़ाना हमें कितना प्रोटीन लेना चाहिए? इस पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स ने हाल ही में अपनी राय दी है।
🧬 ICMR के नए मानक: कितनी मात्रा में लें प्रोटीन
ICMR की नई रिपोर्ट के मुताबिक, एक सामान्य भारतीय वयस्क को अपने शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम पर 0.8 से 1 ग्राम प्रोटीन रोज़ाना लेना चाहिए।
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यानी अगर किसी व्यक्ति का वजन 60 किलो है, तो उसे लगभग 48 से 60 ग्राम प्रोटीन प्रतिदिन लेना चाहिए।
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वहीं जो लोग ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करते हैं या जिम में एक्सरसाइज करते हैं, उन्हें इससे ज्यादा यानी 1.2 से 1.5 ग्राम प्रति किलो वजन के हिसाब से प्रोटीन लेना चाहिए।
🍳 पुरुषों और महिलाओं की जरूरत अलग
ICMR और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि प्रोटीन की जरूरत जेंडर और एक्टिविटी लेवल के हिसाब से अलग-अलग होती है।
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महिलाओं के लिए: रोज़ाना औसतन 45–55 ग्राम प्रोटीन पर्याप्त होता है।
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पुरुषों के लिए: 55–65 ग्राम प्रोटीन रोज़ लेना जरूरी है।
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गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सामान्य से 15–25 ग्राम अतिरिक्त प्रोटीन की जरूरत होती है।
🥗 किन चीज़ों से पूरी करें प्रोटीन की कमी
विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय डाइट में कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनसे प्राकृतिक रूप से प्रोटीन की पूर्ति की जा सकती है।
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शाकाहारी स्रोत: दालें, चना, राजमा, सोया, टोफू, पनीर, दूध और दही।
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नॉन-वेज स्रोत: अंडे, चिकन, मछली, और अंडे की सफेदी सबसे बेहतर मानी जाती है।
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इसके अलावा मूंगफली, चिया सीड्स, और बादाम जैसे ड्राई फ्रूट्स भी प्रोटीन का अच्छा विकल्प हैं।
⚠️ ज्यादा प्रोटीन लेने के नुकसान
डाइटिशियन चेतावनी देते हैं कि जरूरत से ज्यादा प्रोटीन का सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है।
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इससे किडनी पर दबाव बढ़ सकता है, खासकर अगर पानी की पर्याप्त मात्रा न ली जाए।
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ब्लोटिंग, थकान, और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं।
📢 विशेषज्ञों की सलाह
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रोटीन का सेवन करते समय शरीर की जरूरत, उम्र, और जीवनशैली को ध्यान में रखना जरूरी है। अगर किसी व्यक्ति की डाइट में पहले से पर्याप्त प्रोटीन है, तो सप्लिमेंट्स लेने की जरूरत नहीं होती। वहीं, जिन लोगों की डाइट असंतुलित है, वे डॉक्टर या डाइटिशियन की सलाह लेकर प्रोटीन पाउडर या अन्य विकल्प चुन सकते हैं।
निष्कर्ष:
प्रोटीन शरीर का बिल्डिंग ब्लॉक है, लेकिन इसका सेवन तभी फायदेमंद है जब मात्रा संतुलित हो। सही डाइट, पर्याप्त पानी और नियमित व्यायाम के साथ संतुलित प्रोटीन लेना ही सेहतमंद जीवन की कुंजी है।