- क्या रनिंग करना वास्तव में हमारी सेहत के लिए ठीक है? ये सवाल इसलिए क्योंकि हाल के कुछ अध्ययनों में शोधकर्ताओं ने सावधान किया है कि लगातार और अत्यधिक रनिंग करने से कुछ मामलों में कोलन कैंसर (बड़ी आंत का कैंसर) का खतरा बढ़ सकता है।

Running & Colon Cancer: अच्छी सेहत के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को नियमित व्यायाम करने की सलाह देते हैं। व्यायाम के लिए समय न निकाल पाने वाले लोग रनिंग या वॉकिंग जैसे अभ्यास से भी अपनी सेहत को ठीक रख सकते हैं। विशेषतौर पर सुबह की रनिंग को कैलोरी बर्न करने, मोटापा घटाने और संपूर्ण फिटनेस को बेहतर बनाने वाला बताया जाता रहा है।
कई अध्ययन बताते हैं कि नियमित रूप से दौड़ने से हार्ट हेल्थ बेहतर होती है, ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है और इम्यून सिस्टम भी ठीक रहता है। रनिंग-वॉकिंग जैसे अभ्यास सेरोटोनिन हार्मोन को भी बढ़ाते हैं जिससे आपको खुशी का एहसास होता है और मेंटल हेल्थ भी ठीक रहता है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ रोजाना कम से कम 15-20 मिनट रनिंग या तेज वॉक करने की सलाह देते हैं।
पर क्या रनिंग करना वास्तव में हमारी सेहत के लिए ठीक है? ये सवाल इसलिए क्योंकि हाल के कुछ अध्ययनों में शोधकर्ताओं ने सावधान किया है कि लगातार और अत्यधिक रनिंग करने से कुछ मामलों में कोलन कैंसर (बड़ी आंत का कैंसर) का खतरा बढ़ सकता है।
तो रनिंग करना नुकसानदायक है या फायदेमंद? आइए इसे समझते हैं।

रनिंग करने को माना जाता रहा है फायदेमंद
अब तक के तमाम अध्ययन कहते रहे हैं कि दौड़ना आपके लिए अच्छा है, भले ही आप कुछ मिनट की ही रनिंग करते हैं। शोध के अनुसार यह समय से पहले असमय मृत्यु के जोखिम को कम करने में सहायक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर साल लगभग 32 लाख लोगों की मौतें पर्याप्त शारीरिक गतिविधि न करने से होने वाली दिक्कतों के कारण होती हैं। ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित शोध में वैज्ञानिकों ने बताया था कि रनिंग करने वाले लोगों में हृदय रोगों से मौत का खतरा 30% जबकि कैंसर से मौत का खतरा 23% तक कम हो सकता है।
हालांकि इसी क्रम में एक हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने सावधान किया है कि ये आदत कोलन कैंसर के जोखिमों को बढ़ाने वाली हो सकती है।

रनिंग से कोलन कैंसर का खतरा
शिकागो में 2025 अमेरिकन सोसायटी ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी (एएससीओ) की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किए गए रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है।
शोधकर्ताओं ने कहा, दौड़ना आमतौर पर बेहतर बॉडी मास, तनाव कम करने और कई अन्य सकारात्मक पहलुओं से जुड़ा होता है, आप कभी नहीं सुनते कि यह आपके लिए बुरा है। लेकिन बहुत अधिक या लंबी रनिंग जैसे मैराथन दौड़ वाले लोगों को कोलन कैंसर के लक्षणों के लिए नियमित रूप से जांच करवानी चाहिए। ऐसे लोगों में इस कैंसर का जोखिम अधिक पाया गया है।

कैंसर के जोखिमों को लेकर अध्ययन
50 वर्ष से कम उम्र के वयस्कों में कोलन और रेक्टल कैंसर की वृद्धि को समझने के लिए ये अध्ययन किया गया था।
अध्ययन में 35 से 50 वर्ष की आयु के 100 प्रतिभागियों को शामिल किया गया, जिन्होंने कम से कम पांच मैराथन या दो अल्ट्रामैराथन पूरी की थी। शोध के दौरान प्रतिभागी की स्क्रीनिंग कोलोनोस्कोपी करवाई गई। इसके निष्कर्ष चौंकाने वाले थे। 15% प्रतिभागियों में उन्नत स्तर का एडेनोमा (प्री-कैंसर वाले घाव) थे, 41% प्रतिभागियों में कम से कम एक एडेनोमा था।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर प्रोग्राम के सह-निदेशक डॉ टिम कैनन कहते हैं, यह पहला संभावित अध्ययन है जिसमें हमने पाया है कि व्यायाम के कारण आंतों पर बढ़ने वाला अत्यधित तनाव, विशेष रूप से लंबी दूरी की दौड़ से आंतों में कैंसर के जोखिम को बढ़ सकता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
डॉ. कैनन कहते हैं, हमारा मानना है कि यह शोध कोलोरेक्टल कैंसर की पहले स्क्रीनिंग के लिए जोखिम वाले समूह का पता लगाने में मदद कर सकता है। अगर हम हाई रनिंग वाले लोगों में इन कैंसरों की पहले ही पहचान कर सकें तो बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, दरअसल, दौड़ते समय शरीर पर, विशेषकर पाचन अंगों पर लगातार दबाव पड़ता है, जिससे पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है। लंबे समय तक ऐसा होने पर आंतों में इंफ्लेमेशन या अन्य समस्याएं बढ़ने लगती हैं, जो कैंसर का कारण बन सकती हैं।
हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि रनिंग छोड़ देना चाहिए, ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है पर इसे बैलेंस करना जरूरी है। हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर रनिंग को सही डाइट, पर्याप्त पानी और आराम के साथ बैलेंस किया जाए, तो यह फायदे ही फायदे देती है। बहुत लंबे रनिंग से बचना चाहिए।
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