- अगर आपके मन में भी ये सवाल रहता है कि आप कितने साल जिएंगे तो विशेषज्ञों ने इसका पता लगाने के लिए एक कारगर तरीका बताया है।
- वाशिंगटन विश्वविद्यालय में वृद्धावस्था और पोषण का अध्ययन करने वाली डॉ. गैब्रिएल लियोन कहती हैं, शरीर में मांसपेशियों की स्थिति, कंकाल की मांसपेशियां जीवन की अवधि को दर्शाती है।

Longevity Prediction: कौन नहीं चाहता है कि वह 100 साल तक जिए? सिर्फ उम्र ही लंबी न हो बल्कि स्वास्थ्य भी अच्छा रहे। पर जिस तरह से कम उम्र के लोगों में कई प्रकार की क्रॉनिक बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है, बच्चे भी डायबिटीज और हृदय रोगों का शिकार हो रहे हैं, इसने लोगों की औसत आयु को कम कर दिया है। क्रॉनिक बीमारियों के कारण असमय मौत का खतरा भी काफी बढ़ गया है।
पहले लोग जहां 70-80 साल की उम्र तक स्वस्थ रहते थे, वहीं अब 30 से कम उम्र में ही दिल की बीमारी, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कैंसर जैसी गंभीर समस्याएं लोगों को परेशान कर रही हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इन बढ़ती दिक्कतों के लिए असंतुलित खानपान, तनाव, नींद की कमी, प्रदूषण और शारीरिक गतिविधियों में कमी को प्रमुख कारण मानते हैं।
कई अध्ययनों से ये बात स्पष्ट होती है कि स्वस्थ दिनचर्या अपनाने वाले लोग न सिर्फ लंबा जीते हैं बल्कि उनमें बीमारियों का खतरा भी कम हो सकता हैं। आपकी जीवनशैली और आदतें ही यह तय करती हैं कि आप कितने साल तक स्वस्थ रह पाएंगे और कितना जिएंगे।
अगर आपके मन में भी ये सवाल रहता है कि आप कितने साल जिएंगे तो विशेषज्ञों ने इसका पता लगाने के लिए एक कारगर तरीका बताया है। आइए इस बारे में जान लेते हैं।

कितने साल तक जीवित रहेंगे आप?
आज के समय में स्मार्ट वॉच से लेकर फिटनेस ट्रैकर कई सारे उपकरण उपलब्ध हैं जिससे अपनी सेहत पर नजर बनाए रखा जा सकता है। इनसे इतर, विशेषज्ञों की टीम ने एक ऐसा जबरदस्त पैमाना बताया जिसे हम आमतौर पर नजरअंदाज कर देते हैं, पर इसकी मदद से जानना आसान हो सकता है कि आपकी उम्र कितनी हो सकती है?
विशेषज्ञों का कहना है कि हमें अपने स्वस्थ जीवन के बारे में जानने के लिए ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और नींद पर तो ध्यान देना ही चाहिए, साथ ही मांसपेशियों की सेहत पर भी ध्यान देना जरूरी है। ‘मसलस्पैन’ यानी शरीर के मांसपेशियों की सेहत और स्थिति से जीवन की अवधि का अंदाजा लगाया जा सकता है।

मांसपेशियों की ताकत से उम्र का अंदाजा
वाशिंगटन विश्वविद्यालय में वृद्धावस्था और पोषण का अध्ययन करने वाली डॉ. गैब्रिएल लियोन कहती हैं, शरीर में मांसपेशियों की स्थिति, कंकाल की मांसपेशियां जीवन की अवधि को दर्शाती है।
स्केलेटल मसल्स, जिन्हें कंकाल की मांसपेशियां भी कहते हैं ये शरीर की वो मांसपेशियां हैं जो हड्डियों से जुड़कर शरीर की गति को संभव बनाती हैं और शरीर के संतुलन को बनाए रखने में मदद करती हैं। डॉ. गैब्रिएल कहती हैं, सभी लोगों को मांसपेशियों की शक्ति पर ध्यान देना भी जरूरी है। ये न केवल शरीर के गति में मदद करती हैं, बल्कि इंसुलिन संवेदनशीलता, मेटाबॉलिज्म और प्रतिरक्षा प्रणाली से भी संबंधित हैं।
क्या कहती हैं विशेषज्ञ?
डॉ कहती हैं, अगर आपके मांसपेशियों की ताकत और मास (द्रव्यमान) दोनों ठीक है तो जीवन की स्वास्थ्य चुनौतियों का आसानी से मुकाबला करना आसान हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये मांसपेशियां मायोकाइन नामक हार्मोन उत्पन्न करती हैं जो सूजन कम करने, बीमारियों से बचाने और दीर्घायु को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाते हैं।
एंडोक्राइन रिव्यूज में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में यह भी पाया गया है कि मायोकाइन ही वह कारण हो सकता है, जिसकी वजह से नियमित व्यायाम करने वाले लोगों में कुछ प्रकार के कैंसर, हृदय रोग और यहां तक कि डिमेंशिया जैसी समस्याओं का जोखिम कम होता है।

संपूर्ण स्वास्थ्य का लगा सकते हैं अंदाजा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, चूंकि मांसपेशियां, मेटाबॉलिज्म हेल्थ, संज्ञानात्मक कार्य, दीर्घायु और रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी होती हैं, यही कारण है कि इसकी मदद से इस बात का पूर्वानुमान लगया जा सकता है कि कोई व्यक्ति कितने समय तक और कितनी अच्छी तरह जीवित रहेगा?
मांसपेशियों की ताकत और कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए व्यायाम बहुत जरूरी है। शोध से पता चला है कि पुश-अप्स मांसपेशियों की लंबाई और सहनशक्ति बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
एक अध्ययन में पाया गया कि जो पुरुष 40 पुश-अप्स कर सकते थे, उनमें कई प्रकार की बीमारियों के कारण मृत्यु का जोखिम उन लोगों की तुलना में कम था जो केवल 10 पुश-अप्स कर सकते थे।

ग्रिप टेस्ट से बीमारियों का चलता है पता
डॉ. गैब्रिएल ने एक और आसान से टेस्ट के बारे में बताया है जिसकी मदद से एक मिनट अंदाजा लगया जा सकता है कि आप अपने साथियों की तुलना में कितना अधिक या कम जीवित रहेंगे। इसके लिए विशेषज्ञ ग्रिप टेस्ट करने की सलाह देते हैं। आप किसी वस्तु को कितनी ताकत के साथ ग्रिप बनाकर कितने लंबे समय तक पकड़े रह सकते हैं, इससे भी शारीरिक स्वास्थ्य का आकलन किया जा सकता है।
अध्ययन में हाथों के मजबूत पकड़ को कई उम्र से संबंधित बीमारियों जैसे हृदय रोग और टाइप-2 डायबिटीज से लेकर गठिया और कुछ कैंसर तक से मरने के कम जोखिम से जोड़ा गया है।
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स्रोत
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