World Heart Day 2025: मुंह की गंदगी बन न जाए हार्ट अटैक का कारण? हृदय रोगों से बचने के लिए ये बातें भी जानिए

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  • हृदय स्वास्थ्य की बढ़ती समस्याओं को लेकर अध्ययनों में कई बड़े खुलासे हुए हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ओरल हेल्थ पर ध्यान न देना, मुंह के बैक्टीरिया भी हार्ट अटैक और हृदय स्वास्थ्य की समस्याओं का कारण बढ़ सकते हैं।

world heart day 2025 poor oral health may cause cardiovascular disease and heart attack
ओरल हेल्थ का हृदय रोगों से संबंध – फोटो : Freepik.com

हृदय रोगों के मामले वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का कारण बने हुए हैं। सभी उम्र के लोग इसका शिकार होते जा रहे हैं। हाल के दिनों में आपने भी कई ऐसी खबरें सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर देखी-सुनी होंगी जिसमें कम उम्र के लोग हृदय रोगों का शिकार हुए और इससे उनकी मौत हो गई।


पहले हार्ट अटैक को केवल 50-60 साल की उम्र से जुड़ी समस्या माना जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में भारत समेत पूरी दुनिया में 25 से कम उम्र के युवाओं में भी हार्ट अटैक तेजी से बढ़े हैं। भारतीय हृदय रोग सोसायटी और अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक दशक में युवाओं में हार्ट अटैक के मामले लगभग 20-30% तक बढ़े हैं। इसका बड़ा कारण है तनावपूर्ण जीवनशैली, जंक फूड का अधिक सेवन, नींद की कमी और नशे की आदतें।

हृदय संबंधी रोगों (सीवीडी) के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने और बेहतर खानपान-व्यायाम के माध्यम से हृदय स्वास्थ्य को ठीक रखने के उद्देश्य से हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे (विश्व हृदय दिवस) मनाया जाता है।

हृदय स्वास्थ्य की बढ़ती समस्याओं को लेकर अध्ययनों में कई बड़े खुलासे हुए हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ओरल हेल्थ पर ध्यान न देना या मुंह के बैक्टीरिया भी हार्ट अटैक और हृदय स्वास्थ्य की समस्याओं का कारण बढ़ सकते हैं।

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ओरल हेल्थ की समस्याएं – फोटो : Freepik.com

मुंह की साफ-सफाई बहुत जरूरी

हम सभी को बचपन से ही बताया जाता रहा है कि मुंह की साफ-सफाई बहुत जरूरी है।

शायद आपको यह जानकर हैरानी हो कि आपके दांत और मसूड़ों की सेहत का सीधा असर आपके दिल पर भी पड़ता है। कई शोध बताते हैं कि जिन लोगों को मसूड़ों की बीमारी होती है, उनमें हृदय रोग-हार्ट डिजीज का खतरा 20-25% तक ज्यादा हो सकता है।

अब आपके मन में भी सवाल आ रहा होगा कि आखिर मुंह के बैक्टीरिया का हृदय स्वास्थ्य से क्या संबंध होता है? आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।

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हृदय स्वास्थ्य की समस्याएं – फोटो : adobe stock

मुंह के बैक्टीरिया का हृदय स्वास्थ्य पर असर

हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट में विशेषज्ञों की टीम ने खुलासा किया है कि जब मुंह में बैक्टीरिया मसूड़ों को संक्रमित करते हैं, तो वहां सूजन शुरू हो जाती है। यही बैक्टीरिया खून के जरिए धमनियों तक पहुंचकर वहां भी सूजन पैदा कर सकते हैं। धमनियों की यह सूजन धीरे-धीरे प्लाक बनने और ब्लॉकेज का कारण बन सकती है।

ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन और जर्नल ऑफ अमेरिकन कार्डियोलॉजी में छपे अध्ययनों में पाया गया है कि जिन लोगों की ओरल हेल्थ खराब होती है, उनमें दिल की धमनियों के ब्लॉक होने और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए केवल ब्रश करना ही काफी नहीं है, बल्कि फ्लॉसिंग, नियमित डेंटल चेकअप और दांत-मसूड़ों की देखभाल करना भी बेहद जरूरी है।

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मौखिक स्वास्थ्य का रखें ध्यान – फोटो : Freepik.com

हृदय को स्वस्थ रखने वाले उपाय जरूरी

अध्ययनों से पता चलता है कि बचपन में दांतों की सड़न और अन्य मौखिक संक्रमण वयस्कता में एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का बंद होने) का कारण बन सकते हैं।

विशेषज्ञ बताते हैं कि छोटे-छोटे बदलाव आपके दिल को लंबी उम्र तक स्वस्थ रख सकते हैं। इसके लिए लाइफस्टाइल को ठीक रखने के साथ-साथ अब मौखिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी सभी के लिए जरूरी है।

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना व्यायाम करें। कम से कम 30 मिनट तेज चलना, दौड़ना या योग करना आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा हेल्दी डाइट लें जिसमें हरी सब्जियां, फल, दालें और साबुत अनाज खाएं। तैलीय और मीठी चीजों को कम करें।
दिन में दो बार ब्रश, फ्लॉस और 6 महीने में डेंटल चेकअप करवाएं। हार्ट हेल्थ को ठीक रखने के लिए ये आदतें भी जरूरी हैं।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: India Views की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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