- हृदय स्वास्थ्य की बढ़ती समस्याओं को लेकर अध्ययनों में कई बड़े खुलासे हुए हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ओरल हेल्थ पर ध्यान न देना, मुंह के बैक्टीरिया भी हार्ट अटैक और हृदय स्वास्थ्य की समस्याओं का कारण बढ़ सकते हैं।

हृदय रोगों के मामले वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का कारण बने हुए हैं। सभी उम्र के लोग इसका शिकार होते जा रहे हैं। हाल के दिनों में आपने भी कई ऐसी खबरें सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर देखी-सुनी होंगी जिसमें कम उम्र के लोग हृदय रोगों का शिकार हुए और इससे उनकी मौत हो गई।
पहले हार्ट अटैक को केवल 50-60 साल की उम्र से जुड़ी समस्या माना जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में भारत समेत पूरी दुनिया में 25 से कम उम्र के युवाओं में भी हार्ट अटैक तेजी से बढ़े हैं। भारतीय हृदय रोग सोसायटी और अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक दशक में युवाओं में हार्ट अटैक के मामले लगभग 20-30% तक बढ़े हैं। इसका बड़ा कारण है तनावपूर्ण जीवनशैली, जंक फूड का अधिक सेवन, नींद की कमी और नशे की आदतें।
हृदय संबंधी रोगों (सीवीडी) के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने और बेहतर खानपान-व्यायाम के माध्यम से हृदय स्वास्थ्य को ठीक रखने के उद्देश्य से हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे (विश्व हृदय दिवस) मनाया जाता है।
हृदय स्वास्थ्य की बढ़ती समस्याओं को लेकर अध्ययनों में कई बड़े खुलासे हुए हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ओरल हेल्थ पर ध्यान न देना या मुंह के बैक्टीरिया भी हार्ट अटैक और हृदय स्वास्थ्य की समस्याओं का कारण बढ़ सकते हैं।

मुंह की साफ-सफाई बहुत जरूरी
हम सभी को बचपन से ही बताया जाता रहा है कि मुंह की साफ-सफाई बहुत जरूरी है।
शायद आपको यह जानकर हैरानी हो कि आपके दांत और मसूड़ों की सेहत का सीधा असर आपके दिल पर भी पड़ता है। कई शोध बताते हैं कि जिन लोगों को मसूड़ों की बीमारी होती है, उनमें हृदय रोग-हार्ट डिजीज का खतरा 20-25% तक ज्यादा हो सकता है।
अब आपके मन में भी सवाल आ रहा होगा कि आखिर मुंह के बैक्टीरिया का हृदय स्वास्थ्य से क्या संबंध होता है? आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।

मुंह के बैक्टीरिया का हृदय स्वास्थ्य पर असर
हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट में विशेषज्ञों की टीम ने खुलासा किया है कि जब मुंह में बैक्टीरिया मसूड़ों को संक्रमित करते हैं, तो वहां सूजन शुरू हो जाती है। यही बैक्टीरिया खून के जरिए धमनियों तक पहुंचकर वहां भी सूजन पैदा कर सकते हैं। धमनियों की यह सूजन धीरे-धीरे प्लाक बनने और ब्लॉकेज का कारण बन सकती है।
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन और जर्नल ऑफ अमेरिकन कार्डियोलॉजी में छपे अध्ययनों में पाया गया है कि जिन लोगों की ओरल हेल्थ खराब होती है, उनमें दिल की धमनियों के ब्लॉक होने और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए केवल ब्रश करना ही काफी नहीं है, बल्कि फ्लॉसिंग, नियमित डेंटल चेकअप और दांत-मसूड़ों की देखभाल करना भी बेहद जरूरी है।

हृदय को स्वस्थ रखने वाले उपाय जरूरी
अध्ययनों से पता चलता है कि बचपन में दांतों की सड़न और अन्य मौखिक संक्रमण वयस्कता में एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का बंद होने) का कारण बन सकते हैं।
विशेषज्ञ बताते हैं कि छोटे-छोटे बदलाव आपके दिल को लंबी उम्र तक स्वस्थ रख सकते हैं। इसके लिए लाइफस्टाइल को ठीक रखने के साथ-साथ अब मौखिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी सभी के लिए जरूरी है।
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना व्यायाम करें। कम से कम 30 मिनट तेज चलना, दौड़ना या योग करना आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा हेल्दी डाइट लें जिसमें हरी सब्जियां, फल, दालें और साबुत अनाज खाएं। तैलीय और मीठी चीजों को कम करें।
दिन में दो बार ब्रश, फ्लॉस और 6 महीने में डेंटल चेकअप करवाएं। हार्ट हेल्थ को ठीक रखने के लिए ये आदतें भी जरूरी हैं।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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